श्यामली सलोनी
श्यामली सलोनी प्यारी उसकी आंखे,
देखूं मैं जब भी वह मुस्कुराए, मन भाए...
माथे पर उसके आफताब की चमक है,
माहताब वह खुद क्या उनके बारे में बताएं...
आँखों में उनके गहरा समंदर कोई,
ज़रा घोर से देखूं तो शायद कुछ समझ आए...
दूरियां मगर इतनी ज्यादा है बीच में,
सिलसिला यह जुड कर भी कभी भी जुड न पाए...
खूब है वह और उसके जवान दिल की धड़कन,
मुझे छू गयी है उसकी खूबसूरत अदाए |