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खुदाया खैर! खुदाया खैर! (Hindi)

नीला नाम तेरा नीली तेरी खुदाई

रहबर तू मेरा सहे कोई कैसे जुदाई

एक कमरे में बंद न तेरे नाम की महफ़िल

मैं झाँकू खुद में ही हो रही मेरी हसाई…

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

मुझे बता कब होगी नयी सहर!

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

 

सब्ज़ बाग़ है फूल खिले पीले पीले

दरख्तों की शाख पर फल रंगीले रसीले

बंद खिड़कियों के पीछे हूँ जैसे क़ैदी कोई

ज़िन्दगी खूब है लेकिन वक़्त के नश्तर नुकीले…

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

मुझे बता कब होगी नयी सहर!

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

 

आसमान खुलने लगा है जैसे चाहत मेरी

खुशबू ज़मीन की बनी है अब राहत मेरी

लेकिन मैं जिस क़दर हूँ फसा क्या करू क्या नहीं

तू और तेरी इबादत ही तो है आदत मेरी…

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

मुझे बता कब होगी नयी सहर!

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

 

खुद ही खुद में रह गया मैं बहुत बह गया

दीवारों पर देखी तेरी सूरत और मैं कह गया

दरवाजे खुलेंगे क्या आफताब नसीब होगा मुझे?

मेरे ज़ख़्म के दर्द को जिस तरह मैं पी कर सह गया…

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

मुझे बता कब होगी नयी सहर!

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

 

मैं जी रहा हु तेरी कायनात में तेरी कायनात से

मैं लड़ रहा हूँ हर रोज़ तेरे बनाये दिन तेरी रात से

अब आस भी जा रही छोड़ मुझे धीरे धीरे

मैं खामोश हो रहा हूँ अपने ही उलझे हुए जज़्बात से…

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

मुझे बता कब होगी नयी सहर!

खुदाया खैर! खुदाया खैर!

🌷(2)

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Comments

<Deleted User> (24283)

Thu 23rd Apr 2020 03:12

This is amazing write....too powerful a prayer!!

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