Hindustani Poem (Remove filter)
आज बड़े दिनों के बाद|
जाने क्यों लिखने की हुई फ़रियाद…
आज बड़े दिनों के बाद|
शायद उनके आने से लौट आया शाद,
आज बड़े दिनों के बाद|
आँखे उनकी या पैमाना, हसरते आबाद,
आज बड़े दिनों के बाद|
खुद बा खुद उठी कलम लिख बैठी उन्हें कर के याद,
आज बड़े दिनों के बाद|
गलतफहमिया दूर हो गयी, गलतियों से मिला निजाद,
आज बड़े दिनों के बाद|
तस्वीर उनकी मुख़्तलिफ़, तबस्सुम नायाब इजाद;
आज बड़े दिनों के बाद|
ना परदा ना...
Tuesday 25th June 2019 10:59 am
Recent Comments
Marla Joy on Lions Land.
1 hour ago
Greg Freeman on Dominoes
2 hours ago
M.C. Newberry on Combe Gibbet
2 hours ago
Ian Whiteley on Citizens
2 hours ago
M.C. Newberry on Sashaying to Byzantium
2 hours ago
M.C. Newberry on IT AIN'T ME, BABE
3 hours ago
Auracle on Festive FM
4 hours ago
Tim Higbee on Grandfather
5 hours ago
TobaniNataiella on She Says Goodbye
6 hours ago
R A Porter on Sashaying to Byzantium
8 hours ago