Hindustani Poem (Remove filter)
आज बड़े दिनों के बाद|
जाने क्यों लिखने की हुई फ़रियाद…
आज बड़े दिनों के बाद|
शायद उनके आने से लौट आया शाद,
आज बड़े दिनों के बाद|
आँखे उनकी या पैमाना, हसरते आबाद,
आज बड़े दिनों के बाद|
खुद बा खुद उठी कलम लिख बैठी उन्हें कर के याद,
आज बड़े दिनों के बाद|
गलतफहमिया दूर हो गयी, गलतियों से मिला निजाद,
आज बड़े दिनों के बाद|
तस्वीर उनकी मुख़्तलिफ़, तबस्सुम नायाब इजाद;
आज बड़े दिनों के बाद|
ना परदा ना...
Tuesday 25th June 2019 10:59 am
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