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आज बड़े दिनों के बाद|
जाने क्यों लिखने की हुई फ़रियाद…
आज बड़े दिनों के बाद|
शायद उनके आने से लौट आया शाद,
आज बड़े दिनों के बाद|
आँखे उनकी या पैमाना, हसरते आबाद,
आज बड़े दिनों के बाद|
खुद बा खुद उठी कलम लिख बैठी उन्हें कर के याद,
आज बड़े दिनों के बाद|
गलतफहमिया दूर हो गयी, गलतियों से मिला निजाद,
आज बड़े दिनों के बाद|
तस्वीर उनकी मुख़्तलिफ़, तबस्सुम नायाब इजाद;
आज बड़े दिनों के बाद|
ना परदा ना...
Tuesday 25th June 2019 10:59 am
Aik Nazm
Bus chand lamho ki hoti hai koi kahani,
Bandh muthi se reit fisley girta jab pani,
Nazroo ka qasoor ya baat dilchasp purani,
Koi kabhi azeez lagta khoobsurat nishaani,
Guzrey khayalo ko aksar jab sochta hu…
Thoda hassta hu aur thodey se aansu pochhta hu!!
Khwaabo ka mahal bante der nahi laga karti,
Khwaab bhi ajeeb kitne, khwaabo ki duniya thaga karti,
Khwaab khwaab me...
Tuesday 11th June 2019 11:48 am
श्यामली सलोनी
श्यामली सलोनी प्यारी उसकी आंखे,
देखूं मैं जब भी वह मुस्कुराए, मन भाए...
माथे पर उसके आफताब की चमक है,
माहताब वह खुद क्या उनके बारे में बताएं...
आँखों में उनके गहरा समंदर कोई,
ज़रा घोर से देखूं तो शायद कुछ समझ आए...
दूरियां मगर इतनी ज्यादा है बीच में,
सिलसिला यह जुड कर भी कभी भी जुड न पाए...
खूब है वह और उसके जवान दिल की धड़कन,
मुझे छू गयी है उसकी खूबसूरत अदाए |
Tuesday 9th April 2019 3:36 pm
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